शब्द का अर्थ
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जाँगर :
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पुं० [हि० जान या जाँघ] १. देह। शरीर। क्रि० प्र०–=चलना। २. शरीर का बल विशेषतः कोई काम करते समय उसमें लगनेवाला बल। पौरुष। पद–जाँगरचोर-(दे०)। पुं० [देश०] ऐसा डंठल जिसमें से अन्न झाड़ या निकाल लिया गया हो। उदाहरण–तुलसी त्रिलोक की समृद्धि सौज संपदा अकेलि चाकि राखी रासि जांगर जहान भो।–तुलसी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
जांगरचोर :
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पुं० [हिं० जाँगर+चोर] वह व्यक्ति जो आलस्य आदि के कारण जान-बूझकर अपनी पूरी शक्ति किसी काम में न लगाता हो। |
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जाँगरा :
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पुं०=जाँगड़ा (भाट)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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