शब्द का अर्थ
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छेह :
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पुं० [हिं० छेव](यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) १. दे० छेव। २. ध्वंस। नाश। ३. वियोग। विच्छेद। ४. परम्परा का भंग। ५. अंत। समाप्ति। वि० १. खंडित। २. न्यून। स्त्री०=खेद।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छेहर :
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स्त्री०=छाया।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छेहरा :
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पुं=छेह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |