शब्द का अर्थ
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छद :
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पुं० [√छद्+अच्] १. ढकनेवाली चीजें। आवरण। २. खाल। ३. छाल। ४. खोल। गिलाफ। ५. पत्ता। ६. चिड़िया का पंख। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छद-पत्र :
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पुं० [ब० स०] १. भोजपत्र। २. तेजपात। |
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छदक :
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वि० [सं० छिद+ण्वुल-अक] छेदनेवाला। |
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छदन :
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पुं० [√ छद्-ल्युट-अन] छद (दे०)। |
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छदंब :
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पुं० [सं० छद्य] १. छल। २. बहाना। |
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छदाम :
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पुं० [हिं० छः+दाम] सिक्के का एक मान जो छः दामों अर्थात् पुराने पैसे के चौथाई भाग के बराबर होता था। |
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छद्दर :
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पुं० [हिं० छः+दर] वह बैल जिसके मुँह में छः दाँत हों।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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छद्म-तावस :
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पुं० [मध्य० स०] वह व्यक्ति जिसने दूसरों को ठगने के लिए अपना साधुओं का सा वेश बनाया हो। |
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छद्म-वेश :
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पुं० [मध्य० स०] दूसरों को छलने या धोखा देने या मन-बहलाव के लिए बनाया हुआ कृत्रिम वेश। |
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छद्म(द्मिन्) :
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वि० [सं० छद्य+इनि] [स्त्री० छद्मनी] १. छद्मवेशी। २. छली। |
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छद्म(न्) :
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पुं० [√छद्+मनिन्] १. किसी चीज पर आवरण डालकर उसे ढकना या छिपाना। २. वह आवरण जिससे कोई चीज ढकी या छिपाई जाती हो। जैसे–मकान की छत या छाजन। ३. किसी वस्तु या व्यक्ति का वास्तविक बाह्य रूप इस प्रकार कृत्रिम प्रसाधनों, वस्त्रों आदि से छिपाना या बदलना जिससे उसे कोई पहचान न सके। ऐसा रूप प्रायः किसी को छलने या धोखा देने अथवा दूसरे का मनोरंजन करने के लिए धारण किया जाता है। ४. छल। धोखा। |
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छद्मवेशी(शिन्) :
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वि० [सं० छद्यवेश+इनि] १. जिसने छद्मवेश धारण किया हो। २. जो प्रायः छद्मवेश धारण करके दूसरों को छलता, धोखा देता अथवा उनका मनोरंजन करता हो। |
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