शब्द का अर्थ
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					चोभा					 :
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					पुं० [हिं० चोभना] १. चोभने या चुभाने की क्रिया या भाव। २. लोहे की सूइयोंवाला वह दस्ता जिससे मुरब्बा बनाने के लिए आँवला, आम, पेठे के टुकडे़ आदि कोंचे जाते हैं। ३. दवाओं की बँधी हुई वह पोटली जिससे पीड़ित अंग मुख्यतः आँख सेंकी जाती है। भाथा। ४. उक्त पोटली से शरीर का कोई पीड़ित अंग सेकने की क्रिया या भाव।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					चोभाकारी					 :
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					स्त्री० [हिं० चोभना+फा० कारी काम] पत्थरों, रत्नों आदि का किसी चीज पर होनेवाला ऐसा जड़ाव जो किसी तल में चुभा या धँसाकर कुछ उभारदार रूप में बनाया गया हो।				 | 
			
			
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					चोभाना					 :
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					स०=चुभाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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