शब्द का अर्थ
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					चोद					 :
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					पुं० [सं०√चुद् (प्रेरणा करना)+णिच्+अच्] १. चाबुक। २. ऐसी लंबी लकड़ी जिसके सिरे पर नुकीला लोहा लगा हो।				 | 
			
			
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					चोदक					 :
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					वि० [सं०√चुद्+णिच्+ण्वुल्–अक] चोदना या प्रेरणा करने वाला।				 | 
			
			
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					चोदना					 :
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					स्त्री० [सं०√चुद्+णिच्+युच्-अन-टाप्] १. वह वाक्य जिसमें कोई कार्य करने का विधान हो। विधि-वाक्य। २. प्रेरणा। ३. प्रयत्न। स० पुरुष का स्त्री के साथ संभोग करना। स्त्री-प्रसंग करना।				 | 
			
			
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					चोदू					 :
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					पुं० [हिं० चोदना] चोदने अर्थात् प्रसंग या संभोग करनेवाला।				 | 
			
			
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					चोद्दू					 :
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					वि० [हिं० चोदना]=चूतिया। (राज०)				 | 
			
			
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					चोद्य					 :
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					वि० [सं०√चुद्+णिच्+यत्] जो चोदना या प्रेरणा का उपयुक्त पात्र या विषय हो। पुं० १. प्रश्न। सवाल। २. तर्क-वितर्क या वाद-विवाद में पूर्व पक्ष।				 | 
			
			
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