शब्द का अर्थ
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					चोच					 :
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					पुं० [सं०√कुच् (रोकना+अच्, पृषो० कच] १. छाल । २. चमड़ा। त्वचा। ३. तेजपत्ता। ४. दालचीनी। ५. नारियल । ६. कदली-फल। केला।				 | 
			
			
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					चोचक					 :
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					पुं० [सं० चोच+कन्] छाल। बल्कल।				 | 
			
			
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					चोचलहाई					 :
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					स्त्री० [हिं० चोचला+हाई (प्रत्यय)] (स्त्री०) जो चोचले करती या दिखाती हो।				 | 
			
			
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					चोचला					 :
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					पुं० [अनु०] १. अल्हड़पन या जवानी की उमंग में किसी को खिझाने, रिझाने आदि के उद्देश्य से दिखाई जानेवाली बात या किया जाने वाला व्यवहार जिसकी गिनती निकृष्ट प्रकार के हाव-भावों में होती है। नखरा। मुहावरा–चोचले दिखाना या बघारना दूसरों को खिझाने,रिझाने आदि के लिए ऐसी अंग-भंगी हाव-भाव दिखलाना अथवा चेष्टा या बात करना जो प्रिय या रुचिकर न लगे। जैसे–चोचले मत बघारो, सीधी तरह से बातें करो। २. ऐसा कार्य जो अपनी आन-बान दिखाकर किसी को विशेष रूप से प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। जैसे–ये सब अमीरों के चोचले हैं।				 | 
			
			
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