शब्द का अर्थ
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					चारण					 :
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					पुं० [सं०√चर् (चलना)+णिच्+ल्यु--अन] १. एक जाति जो मध्ययुग में राजाओं के दरबार में उनकी तथा उनके पूर्वजों की कीर्ति या यश का वर्णन गाकर करती थी। वंदीजन। भाट। २. उक्त जाति का व्यक्ति । ३. वह जो बराबर इधर-उधर घूमता रहता हो।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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