शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					गौरव					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गुरु+अण्] १. गुरु अर्थात् भारी होने की अवस्था या भाव। गुरुता। भारीपन। २. गुरु अर्थात् बड़े होने की अवस्था या भाव। बड़प्पन। महत्त्व। ३. आदर। इज्जत। सम्मान। ४. अम्युत्थान। उत्कर्ष। उन्नति। ५. गंभीरता। गहराई।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गौरवा					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० गौर, गौरववत्] गौरैया का नर। चिड़ा पक्षी। उदाहरण–जाहि बया गहिं कंठ लवा। करे मेराउ सोई गौरवा।–जायसी। वि० गौरवयुक्त।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					गौरवान्वित					 :
				 | 
				
					वि० [गौरव-अन्वित, तृ० त०] गौरव या महिमा से युक्त। सम्मानित।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |