शब्द का अर्थ
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					गिरिज					 :
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					वि० [सं० गिरि√जन् (उत्पन्न होना)+ड] पहाड़ पर पहाड़ में या पहाड़ से उत्पन्न होनेवाला। पुं० १. शिलाजीत। २. लोहा। ३. अवरक। अभ्रक। ४. गेरू। ५.एक प्रकार का पहाड़ी महुआ।				 | 
			
			
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					गिरिजा					 :
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					स्त्री० [सं० गिरिज-टाप्] १. हिमालय की पुत्री, पार्वती। गौरी। २. गंगा। ३. पहाड़ी केला। ४. चमेली। ५. चकोतरा। पुं०=गिरिजा (ईसाइयों का प्रार्थना मंदिर)।				 | 
			
			
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					गिरिजा-कुमार					 :
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					पुं० [ष० त०] कार्तिकेय।				 | 
			
			
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					गिरिजा-पति					 :
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					पुं० [ष० त०] महादेव।				 | 
			
			
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					गिरिजा-बीज					 :
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					पुं० [ष० त०] गंधक।				 | 
			
			
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					गिरिजा-मल					 :
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					पुं० [ष० त०] अभ्रक।				 | 
			
			
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					गिरिज्वर					 :
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					पुं० [सं० गिरि√ज्वर् (रुग्ण होना)+णिच्+अच्] वज्र।				 | 
			
			
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