शब्द का अर्थ
|
गरदन :
|
स्त्री० [फा०] १. जीवों प्राणियों आदि के धड़ और सिर के बीच का अंग। ग्रीवा। गला। मुहावरा-गरदन उठाना=विरोध करना। (तलवार से ) गरदन उड़ाना=सिर काटना। गरदन उतारना या काटना= (क) सिर काटना। (ख) बहुत बड़ी हानि करना। (किस की) गरदन झुकना=(क) बे-सुध या बेहोश होना। (ख) मर जाना। (किसी के आगे) गरदन झुकना=(क) अधीन होना। (ख) लज्जित होना। (किसी के) आगे गरदन झुकाना=(क) आत्मसमर्पण करना। (ख) लज्जित होकर सिर नीचा करना। गरदन ढलकना या ढलना=मरने के बहुत समीप होना या मर जाना। (किसी का) गरदन न उठाना=बीमारी के कारण बिलकुल चुप-चाप या बे-सुध पड़े रहना। (किसी की) गरदन नापना=गरदन में पकड़कर किसी को धक्का देते हुए बाहर निकालना। (अपनी) गरदन पर खून लेना=हत्या का अपराधी या दोषी बनना। (अपनी) गरदन पर जूआ रखना=मुसीबत मोल लेना। गरदन फँसना=संकट में पड़ना। गरदन मरोड़ना=गला दबाकर किसी को मार डालना। गरदन मारना=सिर काटना। गरदन में हाथ देना या डालना=कहीं से निकाल बाहर करने के लिए गरदन पकड़ना। गरदनियाँ देना। २. वह आड़ी लंबी लकड़ी जो जुलाओं की लपेट के दोनों सिरों पर आड़ी साली जाती है। साल। ३. गगरा लोटा आदि बरतनों का गरदन के आकार का ऊपरी गोल भाग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गरदन-घुमाव :
|
पुं० [हिं० गरदन+घुमाना] कुश्ती का एक पेंच। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गरदन-तोड़ :
|
पुं० [हिं० गरदन+तोड़ना] कुश्ती का एक दाँव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गरदन-तोड़ बुखार :
|
पुं० [हिं०+फा०] एक प्रकार का संक्रामक और सांधातिक ज्वर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गरदन-बंद :
|
पुं=गुलूबंद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गरदन-बाँध :
|
पुं० [हिं० गरदन+बाँधना] कुश्ती का एक पेंच। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गरदना :
|
पु० [हिं० गरदन] १. मोटी गरदन। २. गरदन पर किया जानेवाला आघात। ३. गरदन पर का मांस। (कसाई)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गरदनियाँ :
|
स्त्री० [हिं० गरदन+इया (प्रत्यय)] किसी की गरदन को हाथ से पकड़कर उसे धक्का देते हुए कहीं से तिरस्कारपूर्वक बाहर निकालना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
गरदनी :
|
स्त्री० [हिं० गरदन] १. सिले हुए कपड़े का वह अंश जो गले के चारों ओर पड़ता हैं। गरेबान। २. गले में पहनने की वह हँसली (गहना)। ३. घोड़े की पीठ पर डाला जानेवाला कपड़ा जो एक ओर उसकी गरदन में बँधा रहता है। ४. कुश्ती में कोहनी और पहुँचे के बीचवाले अंश से विपक्षी की गरदन पर किया जानेवाला आघात। कुंदा। घस्सा। रद्दा। ५. कुश्ती का एक पेंच। ६. दीवार के ऊपर की कंगनी। कारनिस। ७. दे० ‘गरदनियाँ’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |