शब्द का अर्थ
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					गँठ					 :
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					स्त्री० [हिं० गाँठ] गाँठ का संक्षिप्त रूप जो यौगिक शब्दों के आरंभ में लगने पर प्राप्त होता है। जैसे-गँठ-जोड़ा, गँठ-बंधन आदि। स्त्री०=गाँठ।				 | 
			
			
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					गँठ-छोरा					 :
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					पुं० [हिं० गाँठ+छोरना-छीनना] १. गठरी छीनकर ले भागनेवाला। उचक्का। २. दे० ‘गँठ-कटा’।				 | 
			
			
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					गँठ-जोड़ा					 :
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					पुं० [हिं० गाँठ+जोड़ना] गँठ-बंधन(दे०)।				 | 
			
			
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					गँठ-बंधन					 :
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					पुं० [हिं० गाँठ+बंधन] १. विवाह के समय वर के दुपट्टे के एक छोर को कन्या की चादर के एक छोर से गाँठ लगाकर बाँधने की रीति। २. कोई धार्मिक कृत्य करते समय उक्त प्रकार से पति-पत्नी के पल्लों में गाँठ लगाने की रीति। ३. लाक्षणिक अर्थ में दो चीजों बातों या व्यक्तियों में होनेवाला घनिष्ठ संग-साथ या संपर्क। ४. गुप्त संधि। साँठ-गाँठ।				 | 
			
			
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					गँठकटा					 :
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					पुं० [हिं० गाँठ+काटना] वह व्यक्ति जो दूसरे की गाँठ में बँधे हुए रुपये-पैसे चोरी से खोल या काटकर निकाल लेता हो। गिरहकट।				 | 
			
			
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					गँठिवन					 :
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					स्त्री०=गठिवन।				 | 
			
			
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					गँठुआ					 :
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					पुं० [हिं० गाँठ] कपड़ा बुनते समय टूटे हुए तागों को अथवा नई पाई के तागों को पुराने उतरे हुए कपड़ों के तागों से जोड़ने का काम।				 | 
			
			
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