शब्द का अर्थ
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कोन :
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पुं० [सं० कोण] कोना। मुहावरा—कोन देना=कोने पर से कोई चीज विशेषतः खेत जोतने के समय हल घुमाना। कोन मारना=खेत जोतने में छूटे हुए कोनों को जोड़ना। वि० [देश] आठ और एक। नौ। (दलाल की भाषा)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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कोनलाय :
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वि० [देश] दस और नौ। उन्नीस। (दलाल की भाषा।) |
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कोनसिला :
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पुं० [हिं० कोना+सिरा] कोनिया की छाजन में बैडेर के सिरे से दीवार के कोने तक तिरछी गई हुई मोटी लकड़ी। |
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कोना :
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पुं० [सं० कोण] १. भिन्न-दिशाओं से आई हुई दो सरल रेखाओं वस्तुओं आदि के एक स्थान पर मिलने से बननेवाली आकृति। २. उक्त रेखाओं वस्तुओं आदि के बीच का स्थान। अन्तराल। मुहावरा—कोना झाँकना=कोई काम या बात पड़ने पर भय या लज्जा से जी चुराते हुए इधर-उधर देखना। ३. नुकीला किनारा। ४. एकांत स्थान। ५. चौथाई भाग। (दलाल की भाषा)। मुहावरा—कोने में होना=चौथाई के हिस्सेदार बनना। पद—कोने से=चार आने फी रूपये के हिसाब से (मिलनेवाली दलाली)। |
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कोनालक :
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पुं० [सं० कोन√अल् (पर्याप्ति)+ण्वुल्-अक] एक प्रकार का जलपक्षी। |
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कोनिया :
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स्त्री० [हिं० कोना] १. किसी वस्तु विशेषतः दीवारों,छत्तों आदि में कोना या किनारा। २. वह उपकरण जो चित्रकला और वस्तु आदि में समकोण निर्धारित करने के काम में आता है। (सेट स्क्वेयर) ३. दीवार के कोनों के बीच चीजें रखने के लिए बैठाई हुई पटिया। पटनी। ४. चौड़ीदार दो मुहाँ नल का टुकड़ा जो दो विभिन्न दिशाओं की ओर जानेवाले नलों को जोड़ता है। |
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कोने-दंड :
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पुं० [हिं० कोना+दंड] दंड की तरह की एक प्रकार की कसरत जो घर के कोनो में दोनों ओर की दीवारों पर हाथ रखकर की जाती है। |
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