शब्द का अर्थ
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					कुहक					 :
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					पुं० [सं०√कुह्+क्वुन्-अक] १. माया धोखा। २. जाल। ३. इंद्रजाल। ४. जादू की तरह अद्भुत जान पड़नेवाली कोई बात। ५. मेंढक। स्त्री० १. कुहकने की क्रिया या भाव। २. मुरगे की बाँग। ३. कोयल की कूक। वि० [स्त्री० कुहकिनी] १. मायावी। जैसे—लो कुहकिनी अपना कुहुक (कुहक) यह जागा।—मैथिलीशरण गुप्त। २. चालाक। धूर्त्त।				 | 
			
			
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					कुहकना					 :
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					अ० [सं० कुहक वा कुहू] १. कोयल का कुहू-कुहू शब्द करना। पिहकना। २. पक्षियों का मधुर स्वर में बोलना।				 | 
			
			
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					कुहकनी					 :
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					वि० [हिं० कुहकना] कुहकनेवाला। स्त्री० कोयल।				 | 
			
			
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					कुहकुह					 :
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					पुं० =कुंकुम (केसर)।				 | 
			
			
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					कुहकुहाना					 :
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					अ०=कुहकना।				 | 
			
			
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					कुहक्क					 :
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					पुं० [?] ताल के आठ भेदों में से एक। जिसमें दो द्रुत और दो लघु मात्राएँ होती है। स्त्री०=कुहक।				 | 
			
			
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