शब्द का अर्थ
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कवि-प्रसिद्धि :
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स्त्री० [स० त०] भारतीय कवियों में परंपरा से चली आई हुई कुछ ऐसी प्रसिद्ध बातें जो वस्तुतः ठीक न होने पर भी ठीक मान ली गई हैं। जैसे—चकवा चकई का दिन में साथ-साथ और रात में अलग-अलग रहना; केले से कपूर निकलना; बाँस, साँप, हाथी आदि में भी मोती होना आदि-आदि। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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