शब्द का अर्थ
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					कर्म-संन्यास					 :
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					पुं० [ष० त०] [वि० कर्मसंन्यासी] १. सब प्रकार के कर्मों का व्याग। २. वह व्रत या सिद्धांत जिसमें सब प्रकार के नित्य, नैमित्तिक आदि कर्म तो किये जाते हैं पर उनके फलों की कामना नहीं की जाती।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					कर्म-संन्यासी (सिन्)					 :
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					पुं० [सं० कर्मसंन्यास+इनि] कर्म-संन्यास के सिद्धांतों के अनुसार चलने और जीवन बितानेवाला व्यक्ति।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |