शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					कंकण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कम्कण् (शब्द करना)+अच्] १. चाँदी सोने आदि का बना हुआ एक गोला कार आभूषण, जिसे स्त्रियाँ कलाई पर पहनती हैं। कंगन। २. लोहे का कड़ा, जो हाथ या पैर में पहना जाता है। ३. विवाह के समय वर-वधू के हाथों में रक्षार्थ बाँधा जानेवाला एक धागा, जिसमें लोहे के छल्ले के साथ सरसों आदि की पोटली, पीले कपड़े में बँधी रहती हैं। ४. संगीत में एक प्रकार का षाड़व राग। ५. संगीत में एक प्रकार का राग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					कंकणास्त्र					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कंकण-अस्त्र, उपमि० स०] एक प्रकार का प्राचीन अस्त्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					कंकणी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० कंकअण् (शब्द)+अच्-ङीष्] चील नामक पक्षी। (राज०) स्त्री० किंकिणी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |