शब्द का अर्थ
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					ऐत					 :
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					वि०=इतना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					ऐतरेय					 :
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					पुं० [सं० इतरा+ढक्-एय] १. ऋग्वेद का एक ब्राह्मण ग्रंथ। २. एक आरण्यक ग्रंथ ७ जिसमें वानप्रस्थों के लिए नियम आदि लिखे हुए हैं।				 | 
			
			
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					ऐतरेयी (यिन्)					 :
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					वि० [सं० ऐतरेय+इनि] ऐतरेय ब्राह्मण का अध्ययन करनेवाला।				 | 
			
			
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					ऐतिहासिक					 :
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					वि० [सं० इतिहास+ठक्-इक] १. इतिहास संबधी। जैसे—ऐतिहासिक दृष्टिकोण। २. (घटना या व्यक्ति) जिसका वर्णन इतिहास में हुआ हो। (हिस्टारिकल) पुं०=इतिहासज्ञ।				 | 
			
			
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					ऐतिह्य					 :
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					वि० [सं० इतिह+ञ्य] १. जो परंपरा से चला आ रहा है। २. जिसे बहुत दिनों से सुनते चले आ रहे हों। अनुश्रुत।				 | 
			
			
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					ऐतिह्य-प्रमाण					 :
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					पुं० [सं० कर्म० स०] ऐसा प्रमाण जो इसी आधार पर प्रामाणिक माना जाता हो कि वह लोक में बहुत दिनों से अनुश्रुति के रूप में इसी प्रकार चला आ रहा है।				 | 
			
			
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