शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					ऐंड़					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० ऐंठ] १. ऐंड़ने की क्रिया या भाव। २. घमंड। शेखी। ३. पानी की भवँर। वि० निकम्मा या व्यर्थ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ऐंड़-बैंड़					 :
				 | 
				
					वि०=अंड-बंड।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ऐंड़दार					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० ऐंड़+फा० दार] १. ऐंठ या अकड़ दिखलानेवाला। २. छैला। बाँका। ३. घुमावदार। ४. तिरछा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ऐंड़ना					 :
				 | 
				
					अ० [हिं० ऐंठना] १. ऐंठना। बल खाना। २. ऐंठ दिखलाना। इतराना। ३. अँगड़ाई लेना। स० उमेठना या घुमाना। बल देना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ऐंड़ा					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० ऐंड़ना] [स्त्री० ऐंड़ी] १. अकड़ा या ऐंठा हुआ। मुहावरा—अंग ऐंड़ा करना=ऐंठ दिखलाना। २. टेढ़ा या तिरछा। ३. घमंड करनेवाला। पुं० [?] १. बटखरा। २. सेंध।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ऐंड़ा-बैंड़ा					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अकांड-विकांड] १. बेढंगे या विकृत आकारवाला। २. टेढ़ा-तिरछा। ३. अंड-बंड। ऊट-पटाँग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					ऐंड़ाना					 :
				 | 
				
					अ० [हिं० ऐंड़ना] १. अकड़ दिखलाना। इतराना। २. अंगड़ाई लेना। अँगड़ाना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |