शब्द का अर्थ
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					उपेक्षा					 :
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					स्त्री० [सं० उप√ईक्ष्+अ+टाप्] १. देखना। २. देखते हुए भी ध्यान न देना। ३. किसी को अयोग्य या तुच्छ समझकर अथवा उसे नीचा दिखाने के लिए उसकी ओर ध्यान न देना। उचित ध्यान न देना। आदर या सम्मान न करना। ४. अवहेलना। ५. योग की एक भावना।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उपेक्षा					 :
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					स्त्री० [सं० उप√ईक्ष्+अ+टाप्] १. देखना। २. देखते हुए भी ध्यान न देना। ३. किसी को अयोग्य या तुच्छ समझकर अथवा उसे नीचा दिखाने के लिए उसकी ओर ध्यान न देना। उचित ध्यान न देना। आदर या सम्मान न करना। ४. अवहेलना। ५. योग की एक भावना।				 | 
			
			
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					उपेक्षा-विहारी (रिन्)					 :
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					पुं० [सं० उपेक्षा-वि√हृ+णिनि] १. वह जो किसी के साथ उपेक्षापूर्वक व्यवहार करता हो। २. ऐसा साधक जो आध्यात्मिक शक्ति से सर्वोच्च स्थिति तक पहुँच गया हो।				 | 
			
			
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					उपेक्षा-विहारी (रिन्)					 :
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					पुं० [सं० उपेक्षा-वि√हृ+णिनि] १. वह जो किसी के साथ उपेक्षापूर्वक व्यवहार करता हो। २. ऐसा साधक जो आध्यात्मिक शक्ति से सर्वोच्च स्थिति तक पहुँच गया हो।				 | 
			
			
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					उपेक्षासन					 :
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					पुं० [सं० उपेक्षा-आसन, तृ० त०] प्राचीन भारतीय राजनीति में, शत्रु की उपेक्षा करते हुए चुपचाप बैठे रहना।				 | 
			
			
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					उपेक्षासन					 :
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					पुं० [सं० उपेक्षा-आसन, तृ० त०] प्राचीन भारतीय राजनीति में, शत्रु की उपेक्षा करते हुए चुपचाप बैठे रहना।				 | 
			
			
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