शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					उपही					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उपरि] १. बाहरी। २. परदेशी। विदेशी। ३. अपरिचित। ऊपरी। बाहरी। उदाहरण—प्रानहुँ ते प्यारे प्रीतम उपही।-तुलसी। ४. ऐसा आदमी जिसका प्रस्तुत विषय से कोई संबंध न हो।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					उपही					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० उपरि] १. बाहरी। २. परदेशी। विदेशी। ३. अपरिचित। ऊपरी। बाहरी। उदाहरण—प्रानहुँ ते प्यारे प्रीतम उपही।-तुलसी। ४. ऐसा आदमी जिसका प्रस्तुत विषय से कोई संबंध न हो।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |