शब्द का अर्थ
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					उपमान					 :
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					पुं० [सं० उप√मा+ल्युट्-अन] १. वह वस्तु या व्यक्ति जिसके साथ किसी की बराबरी की जाय या समानता बतलाई जाए। जैसे—‘मुख कमल के समान है’ में कमल उपमान है। २. उक्त प्रकार के सदृश्य के आधार पर माना जानेवाला प्रमाण जो न्याय में चार प्रकार के प्रमाणों में से एक है। ३. तेईस मात्राओं का एक छन्द जिसमें तेरहवीं मात्रा पर विराम होता है। उपमाना स० [?] एक वस्तु की दूसरी वस्तु से उपमा देना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उपमान					 :
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					पुं० [सं० उप√मा+ल्युट्-अन] १. वह वस्तु या व्यक्ति जिसके साथ किसी की बराबरी की जाय या समानता बतलाई जाए। जैसे—‘मुख कमल के समान है’ में कमल उपमान है। २. उक्त प्रकार के सदृश्य के आधार पर माना जानेवाला प्रमाण जो न्याय में चार प्रकार के प्रमाणों में से एक है। ३. तेईस मात्राओं का एक छन्द जिसमें तेरहवीं मात्रा पर विराम होता है। उपमाना स० [?] एक वस्तु की दूसरी वस्तु से उपमा देना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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