शब्द का अर्थ
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					उपनाह					 :
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					पुं० [सं० उप√नह्+घञ्] १. वीणा या सितार की वह खूँटी जिससे तार बाँधे जाते है। २. फोडे़ या घाव पर लगने वाला लेप। मलहम। ३. प्रलेप। ४. आँख का बिलनी नामक रोग। ५. गाँठ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					उपनाह					 :
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					पुं० [सं० उप√नह्+घञ्] १. वीणा या सितार की वह खूँटी जिससे तार बाँधे जाते है। २. फोडे़ या घाव पर लगने वाला लेप। मलहम। ३. प्रलेप। ४. आँख का बिलनी नामक रोग। ५. गाँठ।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |