शब्द का अर्थ
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उघरारा :
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वि० [हिं० उघरना] [स्त्री० उघरारी] १. जिसपर कोई आवरण न हो। खुला हुआ। २. जो बंद न हो। ३. नंगा। नग्न। पुं० खुला हुआ स्थान। मैदान। उदाहरण—पावस परखिं रहे उघरारैं। सिसिर समय बसि नीर मँझारें।—पद्माकर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उघरारा :
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वि० [हिं० उघरना] [स्त्री० उघरारी] १. जिसपर कोई आवरण न हो। खुला हुआ। २. जो बंद न हो। ३. नंगा। नग्न। पुं० खुला हुआ स्थान। मैदान। उदाहरण—पावस परखिं रहे उघरारैं। सिसिर समय बसि नीर मँझारें।—पद्माकर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |