शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					इंद्र-जाल					 :
				 | 
				
					पुं० [ष० त०] [वि० ऐंद्रजालिक] १. कोई ऐसा अद्भुत, आकर्षण तथा भ्रम में डालनेवाला काम जो वस्तुतः घटित न होने पर किसी दैविक शक्ति की सहायता से होता हुआ जान पड़े। २. जादूगरी के खेल-तमाशे। ३. अर्जुन का एक अस्त्र। ४. माया और मोह। उदाहरण—सो नर इंद्र जाल नहिं भूला।—तुलसी।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |