शब्द का अर्थ
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					आखा					 :
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					वि० [सं० अक्षय, प्रा० अक्खय] १. समूचा। सारा। २. कुल। समस्त। पुं० दे० ‘खुरजी’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					आखा नवमी					 :
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					स्त्री० =अक्षय नवमी।				 | 
			
			
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					आखात					 :
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					पुं० [सं० आ√खन्+क्त] १. जमीन आदि खोदना। खनन। २. जमीन खोदने का कोई औजार या करण। जैसे—कुदाल या खंता। ३. समुद्र का खाड़ी। (गल्फ)				 | 
			
			
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					आखातीज					 :
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					स्त्री० [सं० अक्षय तृतीया, प्रा० अख्खयतइज्ज० गुं० अखत्रीज, का० अखित्रद] वैशाख सुदी तीज। अक्षय तृतीया।				 | 
			
			
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