शब्द का अर्थ
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					अशोक-वनिका-न्याय					 :
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					पुं० [ष० त०] लोक-व्यवहार में एक न्याय या दृष्टांत जिसका प्रयोग ऐसे अवसरों पर होता है, जब किसी बात का उसी प्रकार कारण नहीं बताया जा सकता, जिस प्रकार यह नहीं बतलाया जा सकता कि रावण ने सीता को अशोक-वाटिका में ही क्यों रखा, किसी और जगह क्यों नहीं रखा।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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