शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					अवितत्					 :
				 | 
				
					वि० [सं० वि√तन्(विस्तार)+क्विप्, न० त०] उलटा, विपरीत या विरुद्ध।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
					
				| 
					अवितत्-करण					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कर्म० स०] १. पाशुपत दर्शन के अनुसार ऐसे कर्म करना जो अन्य मतवालों के विचार से गर्हित या निंदनीय हों। २. जैन शास्त्रों में विवेक, रहित होकर निंदनीय कार्य करना। ३. कोई अनुचित काम करना।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |