शब्द का अर्थ
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					अलोक					 :
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					वि० [सं० ब० स०] १. जो देखने में न आवे। अदृश्य। छिपा हुआ। २. जहाँ लोक (मनुष्य) न रहते हों। ३. निर्जन। एकांत। पुं० १. परलोक। २. कलंक। ३.जैन शास्त्रों में वह स्थान जहाँ आकाश के सिवा और कुछ न हो और जिसमें मोक्षगामी के सिवा और किसी की गति न हो। ४. [न० त०] इस लोक या संसार का विनाश। पुं०=आलोक।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					अलोकना					 :
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					स० [सं० आलोक] प्रकाशित या प्रकाश से युक्त करना। आलोकित करना। अ० आलोक या प्रकाश से युक्त। स० [सं० अवलोकन] अवलोकन करना। देखना।				 | 
			
			
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					अलोक्य					 :
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					वि० [सं० न० त०] १. (ऐसा कार्य) जिसे करने से स्वर्ग न प्राप्त हो सके। २. अलौकिक या असाधारण।				 | 
			
			
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