शब्द का अर्थ
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					अमोघ					 :
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					वि० [सं० न० त०] १. जो निष्फल, निरर्थक या व्यर्थ न हो। २. अपने उद्धेश्य या लक्ष्य तक ठीक पहुँचनेवाला। अचूक। पुं० १. व्यर्थ न जाने का अभाव। २. शिव। ३. विष्णु।				 | 
			
			
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					अमोघ-किरण					 :
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					स्त्री० [कर्म० स०] सूर्योदय और सूर्यास्त के समय की किरणें।				 | 
			
			
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					अमोघ-दृष्टि					 :
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					वि० [ब० स०] जिसकी दृष्टि कभी विफल न होती है।				 | 
			
			
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					अमोघ-वाक्					 :
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					वि० [ब० स०] जिसका कभी वचन व्यर्थ न होता है।				 | 
			
			
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					अमोघ-विक्रम					 :
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					पुं० [ब० स०] शिव।				 | 
			
			
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					अमोघा					 :
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					स्त्री० [सं० अमोघ+टाप्] १. कश्यप ऋषि की एक स्त्री। २. हरीतकी। हर्रे। ३. वायविडंग। ४. पाढर का पौधा और फूल।				 | 
			
			
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