शब्द का अर्थ
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					अमृत-ध्वनि					 :
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					स्त्री० [सं० ब० स०] कहने या पढ़ने के ढंग के विचार से कुडंलिया नामक छंद का एक विशिष्ट प्रकार या रूप। इसमें दोहा तो अपने सामान्य रूप में रहता है, पर रोला के प्रत्येक चरण की आठ-आठ मात्राओं के ऐसे तीन टुकड़े होते हैं जिनमें यमक और द्वित्व वर्णों की प्रचुरता रहती है। अपनी उक्त विशेषताओं और पढ़े जाने के ढंग के कारण ही यह वीर रस के लिए बहुत उपयुक्त होता है।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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