शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					अभिदेश					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अभि√दिश्+घञ्] [कर्त्ता अभिदेशक, वि० अभिदेशिक, भू० कृ० अभिदिष्ट] १. किसी बात, वस्तु या व्यक्ति की ओर किसी उद्देश्य से देखना या संकेत करना। २. किसी उल्लिखित घटना आदि की ऐसी चर्चा जो किसी मत के खंडन या पुष्टि के लिए प्रमाण, संकेत साक्षी आदि के रूप में हो। ३. किसी विवादास्पद विषय के संबंध में किसी का मत जानने या उसका स्पष्टीकरण करने के लिए अथवा उस संबंध में आधिकारिक आदेश या निर्णय प्राप्त करने के लिए उसे उपयुक्त अधिकारी के पास भेजना। (रेफरेन्स, अंतिम दोनों अर्थों के लिए) ४. दे० ‘अभिदेश-ग्रंथ’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अभिदेश-ग्रंथ					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] वह ग्रंथ जिसका उपयोग समय-समय पर किसी विशिष्ट विषय का ठीक और पूरा ज्ञान प्राप्त करने के लिए किया जाता है। संदर्भ-ग्रंथ। (रेफरेन्स-बुक)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अभिदेशक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० अभि√दिश् (बताना)+ण्वुल्-अक] अभिदेश करनेवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अभिदेशना					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० अभि√दिश्+णिच्+युच्-टाप्] १. विधान-मंडल द्वारा पारित अथवा प्रस्तावित कोई विधेयक या प्रस्ताव मतदाताओं की स्वीकृति अथवा अस्वीकृति जानने के लिए उन्हें अभिदिष्ट करना। २. उक्त रूप में कोई बात अभिदिष्ट करने का कार्य या सिद्धांत। (रेफरेन्डम)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अभिदेशिकी					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० अभिदेश] वह आधिकारिक व्यक्ति जिसे कोई विषय या झगड़े की कोई बात उसके निर्णय के लिए अभिदिष्ट की जाए। (रेफरी)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |