शब्द का अर्थ
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					अपहार					 :
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					पुं० [सं० अप√हृ (हरण करना)+घञ्] [कर्ता अपहारक, भू० कृ० अपहृत] १. दूसरे की चीज छीनना। अपहरण करना। २. विधिक क्षेत्र में धोखे या बेईमानी से किसी के धन या संपत्ति पर अधिकार करना और उसे भोगना। (एम्बेजल्मेंट) ३.छिपाव। दुराव।				 | 
			
			
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					अपहारक					 :
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					वि० [सं० अप√हृ+ण्वुल्-अक] अपहरण करने, छीनने या लूटनेवाला। पुं० १. चोर। २. डाकू। ३. लुटेरा।				 | 
			
			
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					अपहारित					 :
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					भू० कृ० [सं० अप√हृ+णिच् क्त]=अपहृत।				 | 
			
			
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					अपहारी (रिन्)					 :
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					पुं० [सं० अप√हृ+णिनि] १. अपहरण करने या छीननेवाला। २. नाश करनेवाला।				 | 
			
			
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					अपहार्य					 :
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					वि० [सं० अप√ह्र+ण्यत्] १. (पदार्थ) जिसका अपहरण हो सके। जो छीना या लूटा जा सके। २. (व्यक्ति) जिसकी चीज छीनी या लूटी जा सके।				 | 
			
			
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