शब्द का अर्थ
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					अनुरूप					 :
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					वि० [सं० अत्या० स० या अव्य० स० अच् प्रत्यय] १. जिसका रूप किसी के तुल्य, समान या सदृश हो। ठीक वैसा। २. अनुकूल। ३. उपयुक्त। योग्य।				 | 
			
			
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					अनुरूपक					 :
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					पुं० [सं० अनु√रूप (साकार करना)+अज्+कन्] १. वह जो किसी के अनुरूप हो या अनुकरण पर बना हो। २. प्रतिमा। मूर्ति। ३. समान वस्तु। मिलती-जुलती चीज। उदाहरण—गति, आनन, लोचन, पाँयन के अनुरूप से मन मानि लिए।—केशव।				 | 
			
			
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					अनुरूपण					 :
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					पुं० [सं० अनु√रूप+णिच्+ल्युट्-अन] किसी को किसी के अनुरूप बनाने की अवस्था, क्रिया या भाव।				 | 
			
			
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					अनुरूपता					 :
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					स्त्री० [सं० अनुरूप+तल्-टाप्] १. किसी के अनुरूप होने की क्रिया या भाव। जैसा कोई और हो, वैसा ही उसके समान होना। २. अनुकूलता। ३. समानता। सादृश्य। ४. उपयुक्तता।				 | 
			
			
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					अनुरूपना					 :
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					स० [सं० अनुरूप] अपने अनुरूप या समान बनाना। अ० किसी के अनुरूप बनना या होना।				 | 
			
			
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					अनुरूपा सिद्धि					 :
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					स्त्री० [सं० व्यस्तपद] भाई, बंधु आदि को साम, दाम आदि के द्वारा अनुकूल करना। (कौ०)				 | 
			
			
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