शब्द का अर्थ
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					अनादर					 :
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					पुं० [सं० न-आदर, न० त०] [वि० अनादृत,अनादरणीय] १. आदर न होना। निरादर। अपमान। अप्रतिष्ठा। बेइज्जती। २. साहित्य में एक अलंकार जिसमें कोई दूसरी वस्तु प्राप्त करने की आशा से किसी प्राप्त वस्तु के अनादर का उल्लेख होता है। वि० [न० ब०] जिसका आदर न हुआ हो।				 | 
			
			
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					अनादरण					 :
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					पुं० [सं० आ√दृ (आदर)+ल्युट्। अन० त०] [भूत० कृ० अनादृत] १. अनादर या अपमान करने की क्रिया या भाव। २. बंको आदि में किसी देयक या प्राप्यक का इसलिए अस्वीकृत होना और उसका धन न चुकाया जाना कि उस पर हस्ताक्षर करने वाले के खाते में उसका इतना धन जमा नहीं। (डिस्-आँनरिंग)				 | 
			
			
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					अनादरणीय					 :
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					वि० [सं० न-आदरणीय, न० त०] १. जो आदर या अधिकारी का पात्र न हो। २. तिरस्कार या अवहेलना के योग्य।				 | 
			
			
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					अनादरित					 :
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					वि० [सं० अनादर+इतच्] १. जिसका आदर न किया गया हो। २. जिसका अनादर किया गया हो।				 | 
			
			
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