शब्द का अर्थ
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					अचाक					 :
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					क्रि० वि० =अचानक।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अचाका					 :
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					क्रि० वि० =अचानक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					अचाक्षुष					 :
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					वि० [सं० न० त०]१. जो चक्षुओं का विषय न हो। २. जो आँखों से देखा न जा सके।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |