शब्द का अर्थ
			 | 
		
					
				| 
					अगाड़					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० आगा] १. आगे का भाग। आगा। २. ढ़ेकली के सिर पर छोटी पतली लकड़ी। ३. हुल्ले की नली। क्रि० वि० १. आगे। सामने। २. पहले। पूर्व।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अगाड़ा					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० आगा] १. वह सामान जो चलने से पहले वहाँ भेज दिया जाता है, जहाँ टिकना या पड़ाव करना होता है। २. कछार। तरी। ३. दे० आगा। (अगला भाग)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अगाड़ी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० आगा+आड़ी (प्रत्यय०)] १. आगे या सामने का भाग। ‘पिछाड़ी का विपर्याय’। २. घोड़े की गर्दन में बाँधी जाने वाली दो रस्सियाँ जो दोनों ओर खूटों में बँधी रहती है। क्रि० वि० १. आगे। सामने। २. आगे चलकर। भविष्य में।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					अगाड़ी-पिछाड़ी					 :
				 | 
				
					स्त्री० (हिं० आगा+पीछा) १. किसी चीज के आगे और पीछे के भाग। २. वे रस्सियाँ जिनमें एक ओर घोड़े की गरदन और दूसरी ओर उसके दोनों पैर बाँधे जाते है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |