शब्द का अर्थ
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अंधा :
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पुं० [सं० अंध] वह जो आँख के दोष या विकार के कारण कुछ भी न देख सकता हो। दृष्टि-शक्ति से रहित प्राणी। वि० १. जिसकी आँखों में देखने की शक्ति न हो। २. जिसके अन्दर कुछ भी न दिखाई दे। जैसे—अंध कोठरी। ३. बिना सोचे-समझे काम करने वाला। ४. जिसमें कोई विशिष्ट तत्त्व न हो, या न रह गया हो। जैसे—अंधा शीशा। अंधा दिया। मुहावरा—अंधा बनना=जानबूझकर किसी बात पर ध्यान न देना। अंधा बनाना=बुरी तरह से या मूर्ख बनाकर धोखा देना। पद—अंधा भैंसा=लड़कों का एक खेल जिसमें वे आँखों पर पट्टी बाँधकर एक दूसरे को छूकर उसका नाम बताते और तब उसे भैंसा बनाकर उस पर सवारी करते हैं। अंधे की लकड़ी या लाठी=असहाय का एक मात्र सहारा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अंधा-कुआँ :
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पुं० [हिं० अंधा+कुआँ] १. वह गहरा कुआँ जिसमें का पानी सूख गया हो और जिसमें मिट्टी भर गई हो। २. बहुत गहरा और अँधेरा कुआँ। ३.उदर पेट (लाक्ष०)। |
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अंधा-धुंध :
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स्त्री० [हि० अंधा+धुंध] १. गहरा अँधेरा। घोर अंधकार। २. ऐसी अवस्था या व्यवस्था जिसमें कम, वितार, संगति आदि का नाम भी न हो। धींगा-धींगी। ३. अन्याय, अत्याचार, दुराचार। वि० १. विचार, विवेक आदि से रहित। २. बहुत अधिक। जैसे—अंधाधुंध दौड़ना। २. बहुत अधिकता से। जैसे—अंधाधुंध पानी बरसना। |
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अंधानुकरण :
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पुं० [सं० अंध-अनुकरण, ष० त०] बिना सोचे-समझे किया जाने वाला किसी का अनुकरण। |
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अँधार :
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पुं० [सं० अंधकर, प्रा० अंधयार] १. अँधेरा, अंधकार। वि० जिसमें या जहाँ अँधेरा हो। अंधकारपूर्ण। पुं० (?) रस्सियों का वह जाल जिसमें घास, भूसे आदि के गट्ठर बाँधते हैं। |
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अंधारा :
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पुं० [हिं० अंधेरा] १. अंधकार, अंधेरा। २. कृष्ण पक्ष। वि० =अंधेरा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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अँधारी :
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स्त्री० [हिं० अंधार+ई] १. आँधी। अंधड़। (डिं०) २. दे० ‘अँधियारी’। |
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अंधाहुली :
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स्त्री० [सं० अधःपुष्पी] चोर नामक पुष्पी पौधा। |
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