शब्द का अर्थ
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					अंधक					 :
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					वि० [सं० अंध+कन्]—अँधा। पुं० [सं०√अन्ध् (अंधा होना)+ण्वुल्-अक] १. अंधा आदमी। २. कश्यप का एक पुत्र जो शिव के हाथों मारा गया था। ३. बृहस्पति के बड़े भाई उतथ्य का एक पुत्र। ४. बौद्ध काल की एक प्राचीन भाषा।				 | 
			
			
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					अंधक-रिपु					 :
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					पुं० [ष० त०] १. दे० ‘अंधघाती'। २. अंधकार का शत्रु।				 | 
			
			
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					अंधकार					 :
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					पुं० [अंध√ कृ (करना) +अण्] १. प्रकाश, रोशनी का न होना। २. अज्ञान। ३. मोह। ४. उदासी।				 | 
			
			
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					अंधकार-युग					 :
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					पुं० [ष० त०] किसी देश या विषय के इतिहास का वह समय जिस की विशेष बातें अभी अज्ञात हों। (डार्क एज)				 | 
			
			
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					अंधकारि					 :
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					पुं० [सं० अंधक-अरि० ष० त०]=अंधक-रिपु।				 | 
			
			
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					अंधकारी					 :
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					स्त्री० [सं० अंधकार√डीष्] एक रागिनी जो कहीं-कहीं भैरव राग की रागिनियों में मानी गई है।				 | 
			
			
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