शब्द का अर्थ
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					अंतर-चक्र					 :
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					पुं० [कर्म० स०] १. किसी दिशा और उसके पास वाली विदिशा के बीच के अतर का चतुर्थाश। २. हठयोग के अनुसार शरीर के अंदर के मूलाधार आदि चक्र या कमल। विशेष—दे० षट्चक्र। ३. आत्मीय या स्वजन लोगों का वर्ग। ४. भीतरी चक्र या मनुष्यों का वर्ग जो अंदर के सब काम करता हो और जो बाहर वालों या जन साधारण से भिन्न हो। (इनर-सरकिल) ५. पशु-पक्षियों की बोली के आधार पर शुभाशुभ फल जानने की विद्या।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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