शब्द का अर्थ
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					स्वीकार					 :
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					पुं० [सं०] १. अपना बनाने या अपनाने की क्रिया या भाव। अंगीकार। २. ग्रहण करना। लेना। परिग्रह। ३. कोई बात मान लेना। कबूल या मंजूर करना। ४. किसी बात की प्रतिज्ञा करना या वचन देना।				 | 
			
			
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					स्वीकारना					 :
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					स० [सं० स्वीकार] १. स्वीकार करना। मानना। २. ग्रहण करना। लेना। ३. अपनाना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					स्वीकारात्मक					 :
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					वि० [सं०] (कथन) जिससे कोई बात स्वीकृत की गई या मानी गई हो। (अफ़र्मेटिव)				 | 
			
			
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					स्वीकारोक्ति					 :
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					स्त्री० [सं०] वह कथन या बयान, जिसमें अपना अपराध स्वीकृत किया जाय। दोष, अपराध, पाप आदि की स्वीकृति। अपने मुँह से कहकर यह मान लेना कि हमने अमुक अनुचित या बुरा काम किया है। (कन्फ़ेशन)				 | 
			
			
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					स्वीकार्य					 :
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					वि० [सं०] जो स्वीकृत किया या माना जा सके। माने जाने के योग्य।				 | 
			
			
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