शब्द का अर्थ
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					स्यार					 :
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					पुं० [सं०श्रृंगाल] [स्त्री०स्यारनी,स्यारी] १. गीदड़। सियार। २. रहस्य संप्रदाय में जगत् या संसार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					स्यार-काँटा					 :
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					पुं० [स्यार+हिं०काँटा] सत्यानासी। स्वर्णक्षीरी।				 | 
			
			
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					स्यारपन					 :
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					पुं० [हिं० सियार+पन (प्रत्यय)] सियार या गीदड़ का सा स्वभाव। श्रृगालवृत्ति।				 | 
			
			
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					स्यारलाठी					 :
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					स्त्री० [हिं०स्यार+लाठी] अमलतास।				 | 
			
			
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					स्यारी					 :
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					स्त्री० [सं० शीत-काल] १. जाड़े के दिन। शीत-काल। २. खरीफ (फसल)। स्त्री० हिं० स्यार की स्त्री।				 | 
			
			
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