शब्द का अर्थ
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					स्थाल					 :
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					पुं० [सं०] १. पात्र (बरतन)। २. बड़ी थाली। थाल। ३. देगची। पतीला। ४. दाँत का खोखलापन।				 | 
			
			
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					स्थाली					 :
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					स्त्री० [सं०] १. मिट्टी के बरतन जो भोजन बनाने और खाने पीने के काम में आते हों। जैसे–कसोरा, तश्तरी, हाँडी आदि। २. मिट्टी की वह तश्तरी जिसमें यज्ञ के समय सोम का रस निचोड़ा जाता था। ३. थाली। ४. खीर। ५. पाटला नामक वृक्ष।				 | 
			
			
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					स्थाली-पाक					 :
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					पुं० [सं०] १. आहुति के लिए एक प्रकार का चरु जो दूध में चावल या जौं डालकर पकाने से बनता था। २. वैद्यक में लोहे की एक पाकविधि।				 | 
			
			
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					स्थाली-पुलाक-न्याय					 :
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					पुं० [सं०] एक प्रकार का न्याय या कहावत जिसका प्रयोग यह आशय सूचित करने के लिए होता है कि हाँडी में उबाले हुए चावलों का एक दाना देखने से यह पता चलता है कि चावल अच्छी तरह से पके हैं या नहीं। जैसे–मैंने उनका एक ही व्याख्यान सुनकर स्थाली पुलाक-न्याय से सब विषयों में उनका मत जान लिया।				 | 
			
			
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					स्थाल्य					 :
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					वि० [सं०] १. स्थल-संबधी। २. स्थल होने वाला। पुं० १. अन्न। २. जड़ी–बूटी।				 | 
			
			
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