शब्द का अर्थ
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					सूतक					 :
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					पुं० [सं० सुतक=जन्म] १. जन्म। २. घर में संतान होने या किसी के मरने पर परिवारवालों को लगनेवाला अशौच। ३. अस्पृश्यता। छूत। उदा०–जलि है सुतकू घलि है सुतकू, सूतक सूतक ओपति होई।–कबीर। ४. चन्द्रमा या सूर्य का ग्रहण। उपराग। ५. पारद। पारा।				 | 
			
			
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					सूतक—गेह					 :
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					पुं० =सूतिकागार।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सूतका					 :
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					स्त्री० [सं०] जच्चा।				 | 
			
			
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					सूतका—गृह					 :
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					पुं० [सं०] जच्चा—घर। सूतिकागार।				 | 
			
			
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					सूतकान्न					 :
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					पुं० [सं०] १. वह खाद्य पदार्थ जो संतान—जन्म के कारण अशुद्ध हो जाता है। २. ऐसे घर या व्यक्ति का अन्न, जिसे सूतक लगा हो और इसीलिए जो अन्न अग्राह्य कहा गया है।				 | 
			
			
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					सूतकाशौच					 :
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					पुं० [सं०] वह शौच जो घर में संतान उत्पन्न होने के कारण होता है। जननाशौच।				 | 
			
			
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					सूतकी (किन्)					 :
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					वि० [सं०] जिसे सूचक (अशौच) लगा हो।				 | 
			
			
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