शब्द का अर्थ
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					सूच्य					 :
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					वि० [सं०] जो सूचित किया जा सकता हो या सूचित किये जाने के योग्य हो। जो जताया जा सकता हो या जताया जाने को हो।। पुं० नाटकों या रूपकों में वे अनुचित, गर्हित, रसहीन और वर्जित बातें जो रंगमंच पर अभिनय के लिए अनुपयुक्त होने के कारण केवल अर्थो पेक्षकों के द्वारा सूचित कर दी जाती है। ससूच्य।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					सूच्यग्र					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] सूई का अगला भाग। सूई की नोक। वि० १. जिसकी नोक सूई के समान नुकीली हो। २. सूई की नोक के बराबर, अर्थात बहुत ही थोड़ा।				 | 
			
			
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					सूच्याकार					 :
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					वि० [सं० सूची+आकार] सूई के आकार का । लंबा और नुकीला।				 | 
			
			
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					सूच्यार्थ					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] साहित्य में, पद आदि का वह अर्थ जो शब्दों की व्यंजना शक्ति से निकलता या सूचित होता है।				 | 
			
			
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