शब्द का अर्थ
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					सीमा					 :
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					स्त्री० [सं०] १. किसी प्रदेश या स्थान के चारों ओर की विस्तार की अंतिम रेखा या स्थान। हद। सरहद। (बाउंडरी) मुहा—सीमा बंद करना=ऐसी राजनीतिक व्यवस्था करना कि देश की सीमा पर से आदमियों और माल का आना जाना रुक जाय। २. किसी विस्तार की अंतिम लंबाई या घेरा। (बार्डर) जैसे—सीमा के प्रदेश। ३. वह अंतिम स्थान जहाँ तक कोई बात या काम हो सकता हो। या होना उचित हो। नियम या मर्यादा की हद। (लिमिट) मुहा—सीमा से बाहर जाना=उचित से अधिक बढ़ जाना। (निषिद्ध) ४. भाँग। विजया।				 | 
			
			
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					सीमा कर					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] वह कर जो किसी प्रदेश की सीमा पर आने-जाने वाले व्यक्तियों या सामान पर लगता है। (टरमिनल टैक्स)				 | 
			
			
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					सीमा-चौकी					 :
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					स्त्री० [सं०+हिं०] सीमा पर स्थित वह स्थान जहाँ सीमा रक्षा के निमित्त सैनिक रखे जातें हों।				 | 
			
			
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					सीमा-बद्ध					 :
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					भू० कृ० [सं०] १. जिसकी सीमा निश्चित कर दी गई हो। हद के भीतर किया हुआ। जैसे—सीमा बद्ध प्रदेश। २. सीमाओं अर्थात मर्यादाओं से बँधा हुआ।				 | 
			
			
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					सीमा-शुल्क					 :
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					पुं० [वह कर या शुल्क जो किसी राज्य की सीमा पर कुछ विशिष्ट प्रकार के पदार्थों या उनके आयात या निर्यात के समय लिया जाता है। (ड्यूटी)				 | 
			
			
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					सीमा-संधि					 :
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					स्त्री० [सं० ष० त०] वह स्थान जहाँ पर दो या अनेक देशों राज्यों आदि की सीमाएँ मिलती हों।				 | 
			
			
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					सीमा-सेतु					 :
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					पुं० [सं० मध्य० स०] वह पुश्ता या मेड़ जो सीमा निश्चित करने के लिए बनाई जाती है।				 | 
			
			
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					सीमांकन					 :
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					पुं० [सं० सीमा+अंकन, ष० त०] [भू० कृ० सीमांकित] अधिकार, कार्य, क्षेत्र आदि के अलग-अलग विभाग करके उनकी सीमा निर्धारित या निश्चित करना। (डिमार्केशन)				 | 
			
			
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					सीमांकित					 :
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					भू० कृ० [सं०] जिसका सीमांकन हुआ हो। (डिमार्केटेड)				 | 
			
			
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					सीमांत					 :
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					पुं० [ १. वह स्थान जहाँ किसी सीमा का अंत होता हो। वह जगह जहाँ तक हद पहुँचती हो। सरहद। (फ्रन्टियर) २. गाँव की सीमा। सिवाना। ३. सीमा पर का प्रदेश।				 | 
			
			
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					सीमांत-पूजन					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] वर का वह पूजन या स्वागत जो बरात आने के समय वधू पक्ष की ओर से गाँव की सीमा पर होता है।				 | 
			
			
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					सीमांत-बंध					 :
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					पुं० [सं० ष० त० ब० स०] आचरण संबंधी नियम या मर्यादा।				 | 
			
			
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					सीमातिक्रमण					 :
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					पुं० [सं० ष० त०] अपनी सीमा का उल्लंघन करके दूसरे के प्रदेश में किया जाने वाला अनाधिकार प्रवेश।				 | 
			
			
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					सीमातिक्रमणोत्सव					 :
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					पुं० [सं०] प्राचीन भारत में युद्ध यात्रा के समय सीमा पार करने का उत्सव। विजय-यात्रा। विजयोत्सव।				 | 
			
			
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					सीमापाल					 :
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					पुं० [सं०] सीमा प्रान्त का रक्षक अधिकारी।				 | 
			
			
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					सीमाब					 :
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					पुं० [फा०] पारा। पारद।				 | 
			
			
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