शब्द का अर्थ
			 | 
		 
					
				| 
					सिकुड़ना					 :
				 | 
				
					अं० [हिं० संकुचन] १. ताप, शीत आदि के प्रभाव से अथवा और किसी कारण से किसी विस्तृत पदार्थ का ऐसी स्थिति में आना या होना कि उसका तल या विस्तार कुछ कम हो जाय। आयाम में खिंचाव आना। संकुचित होना। बटुरना। ‘फैलना’ का विपर्याय। जैसे—घुलने से कपड़ा सिकुड़ना। चलने या बैठने से चाँदनी सिकुड़ना। २. व्यक्ति अथवा उसके अंगों के संबंध में ऐसी स्थिति में आना या होना कि अपेक्षया विस्तार कम हो जाय। जैसे—(क) टूटने से हाथ या पैर सिकुड़ना। (ख) भीड़ या सरदी के कारण किसी का कोने में सिकुड़ना। संयो० क्रि०—जाना।				 | 
			 
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
		 |