शब्द का अर्थ
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					सिंघाड़ा					 :
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					पुं० [सं० श्रृंगाटक] १. पानी में होने वाला एक पौधा। २. उक्त पौधे का फल जिसके दोनों ओर सींगों की तरह दो काँटे होते हैं। पानी-फल। (वाँटर चेस्टनट) ३. चित्र-कला में पत्तों की तरह का तिकोना अंकन। ४. सिंघाड़े के आकार की तिकोनी सिलाई या बेल-बूटे। ५. समोसा नामक पकवान। ६. एक प्रकार की मुनिया (पक्षी)। ७. एक प्रकार की आतिशबाजी। ८. रहट की लाट में ठोकी हुई लकड़ी जो लाट को पीछे की ओर घूमने से रोकती है। ९. सुनारों का एक औजार जिससे वे माला बनाते हैं।				 | 
			 
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			 
			
				 
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