शब्द का अर्थ
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					सार्थ					 :
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					वि० [सं०] १. अर्थयुक्त। अर्थवान्। २. धनी। ३. उद्देश्य। पूर्ण। ४. उपयोगी। पुं० १. धनीव्यक्ति। २. व्यापारियों का जत्था। ३. सेना की टुकड़ी। ४. समूह। गोल। ५. यात्रियों का दल।				 | 
			
			
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					सार्थक					 :
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					वि० [सं० सार्थ+कन्] [भाव० सार्थकता] १. (शब्द या पद) जिसका कुछ अर्थ हो। अर्थवान। २. जिसका उपयोग निरुद्देश्य न हो। जो किसी उद्देश्य की पूर्ति करता हो। जैसे—वाक्य में होने वाला किसी शब्द का सार्थक प्रयोग। ३. उपयोगी तथा लाभप्रद।				 | 
			
			
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					सार्थकता					 :
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					स्त्री० [सं० सार्थक+तल—टाप्] सार्थक होने की अवस्था गुण या भाव।				 | 
			
			
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					सार्थपति					 :
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					पुं० [सं०] व्यापार करने वाला। वणिक।				 | 
			
			
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					सार्थवाह					 :
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					पुं० [सं०] व्यापारी (विशेषतः दूर तक माल बेचने जानेवाला)				 | 
			
			
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					सार्थिक					 :
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					वि० [सं० सार्थ+ठक्—इक्] जो किसी के साथ यात्रा कर रहा हो। पुं० यात्राकाल में संग-साथ रहने के कारण बनने वाला साथी।				 | 
			
			
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					सार्थी					 :
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					पुं० [सं० सार्थ+इनि्-सारथिन]=सारथी।				 | 
			
			
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