शब्द का अर्थ
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					साँसा					 :
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					पुं० [हिं० साँस] १. श्वास। साँस। २. जीवन। जिंदगी। जैसे—जब तक साँसा, तब तक आशा। पुं० [सं० संशय] १. संदेह। शक। उदा०—सतगुर मिलिया साँसा भाग्या, सैन बताई साँची। —मीराँ। २. भय। डर। पुं०=साँसत। जैसे—मेरी जान तभी से साँसे में पड़ी है। वि०=साँचा (सच्चा)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					सांसारिक					 :
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					वि० [सं०] [भाव० सांसारिकता] १. जिसका संबंध इस संसार या उसकी वस्तुओं, व्यापारों आदि से हो। आध्यात्मिक तथा पारलौकिक से भिन्न। २. जिसका संबंध मुख्यतः जीवन की आवश्यकताओं विषय-भोगों आदि से हो।				 | 
			
			
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