शब्द का अर्थ
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					सबू					 :
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					पुं० [फा० सुबू] १. मिट्टी का घड़ा। मटका। गगरी। २. शराब रखने का पात्र।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
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					सबूत					 :
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					पुं० [अ० सुबूत] वह चीज या बात जिससे कोई और बात सबित अर्थात प्रमाणित होती हो। प्रमाण। वि०=साबूत (पूरा या सारा)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					सबूरा					 :
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					पुं० [अ० सब्र] [स्त्री० अल्पा० सबूरी] काठ, कपड़े, चमड़े, आदि का बना हुआ एक प्रकार का लंबा खंड जिससे कुँआरी, विधवा, या पतिहीना स्त्रियाँ अपनी काम वासना तृप्त करती हैं। (मुसल० स्त्रियाँ)।				 | 
			
			
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					सबूरी					 :
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					स्त्री० [अ० सब्र] १. संतोष। सब्र। उदा०—कहत कबीर सुनौ भाई संतो साहब मिलत सबूरी में।—कबीर। २. किसी के द्वारा पीड़ित होने पर तथा असमर्थ या असहाय होने के कारण चुपचाप बैठकर किया जाने वाला सब्र। मुहा—(किसी की) सबूरी पड़ना=किसी पीड़ित के उक्त प्रकार के फलस्वरूप उत्पीड़क की दैविक गति से दंड मिलना या उसका कोई उपकार होना।				 | 
			
			
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